हॉकी का इतिहास
शुरुआत – हॉकी की शुरुआत का उल्लेख बेनी हसन, मिस्र के मकबरा संख्या 17 के एक चित्र से मिलता है जो कि 2050 ई. पू, के समय को बताया गया है. इस चित्र में पुराने ढंग की ‘बुली’ की स्थिति में मुंड़े हुए दो डण्डों का चित्रण दो खिलाड़ियों सहित दर्शाया गया है. इस खेल का ब्रिटिश उल्लेख 1277 का आंका गया है जो कि लिंकनशायर में मिलता हैं.
सुनियोजित हॉकी के खेल का उल्लेख 16 अप्रैल, 1875 से माना जा सकता है क्योंकि कैनन स्ट्रीट होटल लंदन में उक्त तिथि को इग्लिश हॉकी एसोसियेशन की स्थापना की गई थी परन्तु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 7 जनवरी, 1924 में फेडरेशन इण्टरनेशनल द हॉकी की स्थापना हुई. सर्वप्रथम 1861 में संगठित क्लब के रूप में ब्लैकहीथ रग्बी एण्ड हॉकी क्लब की स्थापना मानी गई है
जबकि सबसे पुराने क्लब जिसका लगातार इतिहास उपलब्ध है की स्थापना 1871 में शरद ऋतु के समय में टेडिंगटन हॉकी क्लब की आंकी गई है. प्राचीन अभिलेख यह दर्शाते हैं कि इस क्लब ने 24 अक्टूबर, 1874 को एक मैच रिचमण्ड क्लब के विरुद्ध खेला तथा 9 दिसम्बर, 1876 को बुशी पार्क में सर्बिटन के विरुद्ध सर्वप्रथम उस आधे वृत का उपयोग किया जा सकता है. वर्तमान में इस अर्धवृत्त को D कहा जाता है.
पहला अन्तर्राष्ट्रीय मैच 26 जनवरी,1895 को रेल में वेल्स और आयरलैंड के बीच हुआ था, जिसमें आयरलैंड 5-0 से जीता था. इस प्रकार हॉकी की स्थापना का इतिहास काफी पुराना दृष्टिगोचर होता है. हॉकी की शुरुआत ओलम्पिक खेलों में 1908, 1920, व 1928 से लगातार हुई है. कई दशकों तक हॉकी पटल से गायब रहकर इंग्लैण्ड ने 1948 से फिर ओलम्पिक खेलों भाग लेना आरम्भ किया.
संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा ओलम्पिक हॉकी में 1932 से भाग लिया गया था. आधुनिक हॉकी खेल को इंगलैण्ड की देन माना जाता है परन्तु हॉकी के खेल का उत्कृष्ट एवं संघर्षपूर्ण प्रदर्शन होता है भारत और पाकिस्तान के मध्य, हॉकी भारत और पाकिस्तान का राष्ट्रीय खेल है. हॉकी के नियम जो कि विम्बलडन हॉकी क्लब द्वारा 1883 में बनाए गए थे को मान्यता 1886 में हॉकी एसोसियेशन द्वारा प्रदान की गई. सर्वप्रथम महिलाओं का क्लब 1887 में सरे, इंगलैण्ड में स्थापित ईस्ट मोलसी क्लब था.
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी
भारत में हॉकी की शुरूआत- भारत में हॉकी का खेल अँग्रेजों ने आरम्भ किया तथा सर्वप्रथम, 1885-86 में हॉकी का क्लब कलकत्ता में बना, तत्पश्चात हॉकी क्लबों की स्थापना बम्बई व पंजाब में हुई. सर्वप्रथम 1908 में भारत में बंगाल हॉकी एसोसिएशन की नींव पड़ी. 1920 में सिंध हॉकी एसोसियेशन के नाम से कराँची में दूसरी संस्था बनी. हॉकी के प्रति भारतीय लोगों में अभिरुचि और उत्साह के फलस्वरूप बम्बई, बिहार, उड़ीसा और दिल्ली में हॉकी एसोसिएशन्स बनी.
भारत ने 1928 से ओलम्पिक खेलों. में भी भाग लेना आरम्भ कर दिया तथा एम्सटरडम के ओलम्पिक में. आस्ट्रिया, बेल्जियम, डेन्मार्क, स्विटजरलैण्ड व हॉलैण्ड को हराकर स्वर्ण पदक प्राप्त करने का श्रेय अर्जित किया. फाइनल में भारत ने हॉलैंड ; को 3-0 से पराजित कर अपने उत्कृष्ट खेल की धाक जमा दी.
भारत में महिला हॉकी के अन्तर्गत जनवरी 1967 में श्रीलंका के विरुद्ध 5 टैस्ट मैच की श्रृंखला आयोजित की गई जिसमें. भारतीय महिलाओं ने पाँचो मैच जीत लिए, महिलाओं की प्रथम एशियाई चैम्पियनशिप का आयोजन भी 1968 में दिल्ली (भारत) में ही हुआ. भारत, जापान और यूगाँडा से हार गया।
हॉकी में कितने हाफ होते है?
हॉकी खेल से सम्बन्धित सामग्री- खेल प्रक्रिया को विरोधी टीमों के मध्य 35 मिनट के दो अन्तरालों में 5 मिनट के मध्यान्तर सहित आयोजित किया जाता है. प्रत्येक टीम के 11 सदस्य खेल में भाग लेते हैं.
हॉकी के मैदान का कुल क्षेत्रफल होता है – खेल का क्षेत्र आयताकार रूप का होता है, जिसकी माप 100 गज (91.40 मीटर) लम्बाई में व 60 गज (54.84 मीटर) चौड़ाई में होती है. रेखांकित चित्र के पठन से सभी दूरियाँ स्पष्ट हो जाएंगी. खेल क्षेत्र के सभी कोनों पर 4 फुट (1.22 मी से 5 फुट (.52 मी) ऊँचाई की झंडियाँ लगाई जाती हैं तथा 25 गज (22.85 मी) की रेखा पर व मध्य रेखा रेखा पर झंडियाँ सीमा रेखा से 3 फुंट (0.92 मीटर) दूर लगाई जाती हैं. चित्र में झंडियों की स्थिति स्पष्टतया अंकित है।
हॉकी की बॉल – अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार खेल में प्रयुक्त होने वाली बॉल का रंग सफेद होगा तथा इसकी परिधि 9 1/2 इंच ( 23.5
सेमी) से अधिक नहीं होगी व 8.81 इंच (22.4 सेमी) से कम नहीं होगी. इसका भार 53/4 औन्स (163 ग्राम) से अधिक नहीं होगा व 5 1/2 औन्स (156 ग्राम) से कम नहीं होगा.
हॉकी- हॉकी का आकार चित्रानुसार इस प्रतिबन्ध के साथ होगा कि हॉकी 2 इंच (5 सेमी) व्यास के एक छल्ले में से निकाली जा सके. इसका आकार भार के मानक पर आधारित होता है. पुरुषों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली हॉकी का भार 28 औन्स (794 ग्राम)से अधिक नहीं होगा तथा महिलाओं के उपयोग में आने वाली हॉकी का भार 23 औन्स (65.66 याम) से अधिक नहीं होगा.
गोल- जैसा कि खेल के मैदान के चित्र में दर्शाया गया है गोल 4 गज (3.66 मीटर) चौड़ा व 7 फुट (2.3 मीटर) ऊँचा बनाया जाएगा. इसकी स्थिति मैदान के बीचों बीच दोनों ओर होगी. गोल की जाली 1 इंच ( 2.54 सेमी) से 11/2इन्च (3.81 सेमी) तक ही सीमित रखी जावेगी 8 इंच (45 सेमी) ऊँचाई के लकड़ी के पट्टे जमीन के साथ जाली में इस प्रकार की जाएंगे कि गोल सही आकृति में बना रहे.
हॉकी से सम्बन्धित कुछ रोमांचक रिकार्ड
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी – सर्वाधिक ओलम्पिक मैडल – लगातार तीन बार ओलम्पिक हॉकी में स्वर्ण पदक जीतने का श्रेय केवल भारत को दो बार प्राप्त हुआ है. 1928,1932,1936,में पहली बार और 1948, 1952, 1956, में दूसरी बार.
ओलम्पिक खेलों में सर्वाधिक गोल- 1932 में लास एंजिल्स में सम्पन्न हुई ओलम्पिक में भारत ने अमरीका के विरुद्ध खेले गए मैच में 24 गोल किए जिनमें से सर्वाधिक 10 गोल अकेले ध्यानचन्द ने क़िए
भारत ओलम्पिक खेलों में आठ बार विजयी हो चुका है. भारत के हॉकी के दो खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्हें तीन स्वर्ण पदक के अतिरिक्त एक रजत पदक भी मिला है – लेस्ली वाल्टर क्लाडियस और उधम सिंह, ओलम्पिक खेलों में महिलाओं की प्रतियोगिता 1980 में शामिल की गई थी. सर्वप्रथम इसे जिम्बाब्बे ने जीता तथा 1984 में नींदरलैण्ड ने.
विश्वकप हॉकी – पुरुषों की हॉकी विश्वकप प्रतियोगिता 1971 में आरम्भ हुई तथा महिलाओं की 1974 में.
तीन बार जीतने वाली टीमें-पुरुष वर्ग पाकिस्तान – 1971, 1978, 1982 महिला वर्ग नीदरलैण्ड- 1974, 1978, 1983.
सर्वाधिक बार अन्तर्राष्ट्रीय मैच में खेलने का रिकार्ड- माकिल पीटर (पश्चिमी जर्मनी) ने अपने देश का वर्ष 1969 व 1984 के मध्य 250 बार प्रतिनिधित्व करके यह कीर्तिमान स्थापित किया.
अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी में सर्वाधिक गोल करने वाला खिलाड़ी- अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी में सर्वाधिक गोल करने वाला खिलाड़ी नीदरलैण्ड का पॉल लिट्जेन्स है जिसने अप्रेल 1979 तक 112 मैचों में खेल कर 150 गोल किए.
सर्वाधिक तेजी से गोल करने वाला खिलाड़ी- किसी अन्तर्राष्ट्रीय मैच में सबसे तेजी से किया गया गोल 25 अक्टूबर, 1971 को नॉटिंघम में इंगलैण्ड की ओर से पश्चिम जर्मनी के विरुद्ध जॉन फेन्च ने मात्र 7 सेकिण्ड में किया था.
सर्वाधिक लम्बा मैच- अब तक रिकार्ड किया सर्वाधिक लम्बा अन्तर्राष्ट्रीय मैच 145 मिनट तक चला. 25 अक्टूबर, 1968 को मेक्सिको सिटी में आयोजित ओलम्पिक खेलों में यह मैच नीदरलैण्ड्स व स्पेन के मध्य खेला गया था जिसमें छः बार अतिरिक्त समय दिया गया. नीदरलैण्डस ने इस मैच में स्पेन को 1-0 से हराकर सर्वाधिक लम्बा मैच खेलने का कीर्तिमान स्थापित किया है.
महिला हॉकी का सर्वप्रथम अन्तर्राष्ट्रीय मैच- डब्लिन इंगलैण्ड में 1896 में महिलाओं का सर्वप्रथम अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी मैच इंग्लैंड और आयरलैण्ड के मध्य खेला गया जिसमें आयरलैण्ड ने इंगलैण्ड को 2-0 से हराया.
महिला हॉकी में सर्वाधिक गोल करने वाली टीम- महिलाओं के अन्तर्राष्ट्रीय मैच में 3 फरवरी 1923 को मर्टन, ग्रेटर लन्दन में इंगलैण्ड ने फ्रान्स को 23-0 से हराकर सर्वाधिक गोल करने का कीर्तिमान स्थापित किया था.
सर्वाधिक बार महिला हॉकी में अन्तर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाली महिला खिलाड़ी वेलेरी रोबिन्सन ने 1963 से 1984 के मध्य इंगलैण्ड के लिए 144 बार अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में भाग लेकर यह कीर्तिमान स्थापित किया है.
गोल कीपरी का रिकार्ड- भारत के गोली रिचार्ड जेम्स एलन ही विश्व के एक मात्र ऐसे गोल कीपर हुए हैं जिन्होंने 1928 के ओलम्पिक खेलों में भारत की टीम पर कोई गोल नहीं होने दिया. यही नहीं 1932 व 1936 के ओलम्पिक खेलों में भारत पर केवल 3 गोल हुए जबकि 1928, 1932, 1936 के ओलम्पिक खेलों में भारत ने कुल मिलाकर विरोधी टीमों पर 102 गोल किए.
सर्वाधिक दर्शक- किसी अन्तर्राष्ट्रीय मैच को सर्वाधिक दर्शकों (65,165) द्वारा 11 मार्च, 1978 में देखने का कीर्तिमान उस समय स्थापित हुआ जब इंगलैण्ड और अमरीका के. मध्य महिला हॉकी अन्तर्राष्ट्रीय मैच वैम्बले, लन्दन में खेला गया.
भारत का हॉकी में प्रदर्शन
खेल जगत में भारत ने विश्व स्तर पर हॉकी में सुन्दर प्रदर्शन कर ख्याति अर्जित की है. हॉकी ही एक मात्र खेल है जिसमें भारत को ओलम्पिक स्वर्ण पदक मिले हैं. 1928, 1932, 1936 में भारत ने स्वर्ण पदक जीते. स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात भारत ने 1948 के लन्दन में आयोजित ओलम्पिक में किशन लाल के नेतृत्व में सर्वप्रथम स्वर्ण पदक जीता. तत्पश्चात् 1952 में बलवीर सिंह के नेतृत्व में भारत का स्वर्ण पदक सर्वप्रथम 1960 के रोम ओलम्पिक में छिना तथा भारत को पाकिस्तान ने फाइनल में हराया.
1964 के टोकियो ओलम्पिक में चरनजीत सिंह की कप्तानी में भारत ने फिर से स्वर्ण पदक जीतकर अपनी धाक जमा ली. 1968 के मैक्सिको ओलम्पिक में भारत फाइनल में नहीं पहुँच सका तथा कांस्य पदक पर ही सब करना पड़ा. 1972 के म्यूनिख ओलम्पिक में भी भारत का तीसरा ही स्थान रहा. 1976 के मांट्रियल ओलम्पिक में भारत को बड़ी ही शर्मनाक हार मिली और सातवें स्थान पर आया. 1980 के मास्को ओलम्पिक में भारत 16 वर्ष की अवधि के पश्चात फिर ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीतने में सफल हो सका. 1984 के लास एंजिल्स ओलम्पिक में भारत ने फिर मुँह की खाई और पाँचवें स्थान पर रहा.
मेजर ध्यान चंद
हॉकी प्लेयर मेजर ध्यान चंद, जिनका जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था, वे भारतीय हॉकी खेल की खिलाडी थे. वे हॉकी के महानतम खिलाडी थे, कहा जाता है की जब उनके पास बॉल आ जाती थी, तब विरोधी टीम के खिलाडी उनसे बॉल नहीं छीन पाते थे, इसी कारण एक बार उनके हाथों से हॉकी छीन कर उसे तोडा गया, ताकि पता लगाया जा सके की उनके हॉकी में कोई चुंबक तो नहीं जिसके कारण बाल उनसे दूर नहीं जाती थी.
मेजर ध्यान चंद को उनके असाधारण गेंद नियंत्रण और गोल स्कोरिंग के लिए जाना जाता था। , तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक अर्जित करने के अलावा, 1928, 1932 और 1936 में, एक ऐसे युग के दौरान जब भारत फील्ड हॉकी पर हावी था। उनका प्रभाव इन जीत से आगे बढ़ा, क्योंकि भारत ने 1928 से 1964 तक आठ में से सात ओलंपिक में फील्ड हॉकी स्पर्धा जीती।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – हॉकी का जादूगर किसे कहा जाता है?
उत्तर : मेजर ध्यान चंद को कहा जाता है.
प्रश्न – हॉकी के मैदान का कुल क्षेत्रफल होता है?
उत्तर : खेल का क्षेत्र जिसकी माप 100 गज (91.40 मीटर) लम्बाई में व 60 गज (54.84 मीटर) चौड़ाई में होती है. खेल प्रक्रिया को विरोधी टीमों के मध्य 35 मिनट के दो अन्तरालों में 5 मिनट के मध्यान्तर सहित आयोजित किया जाता है.
प्रश्न – ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर क्यों कहा जाता है?
उत्तर : कहा जाता है की जब उनके पास बॉल आ जाती थी, तब विरोधी टीम के खिलाडी उनसे बॉल नहीं छीन पाते थे, इसी कारण उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था.
प्रश्न – भारत ने हॉकी में 1 गोल्ड मेडल कब जीता था?
उत्तर : Unknown
प्रश्न – हॉकी किस देश का राष्ट्रीय खेल है?
उत्तर : हाकी भारत का राष्ट्रीय खेल है.
प्रश्न – हॉकी मैच कितने मिनट का होता है?
उत्तर : हॉकी मैच 70 मिनट का होता है, प्रत्येक टीम के 11 सदस्य खेल में भाग लेते हैं.
प्रश्न – हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल कब बना?
उत्तर : Unknown