क्या आप जानते हैं, मुलेठी क्या है, मुलेठी किस रोग की दवा है और मुलेठी के फायदे और नुकसान (Mulethi Ke Fayde) के बारे में जानते हैं। अगर आप मुलेठी के गुणों को नहीं जानते तो आज मैं आपको इस लेख में मुलेठी से सम्बन्धित काफी अच्छी जानकारी दूंगा। मुलेठी का बीज (Mulethi Seeds) भी कम उपयोगी नहीं है, इस लेख के अंत में मैं आपको मिलती के बीज के फायदों के बारे में भी बताऊंगा।
मुलेठी क्या है (What Is Mulethi)

मुलेठी एक आयुर्वेदिक लकड़ी है, जिसका इस्तेमाल औषधि के रूप में विभिन्न बीमारियों के इलाज में किया जाता है। मुलेठी की खेती यूरोप और एशिया के कई क्षेत्रों में की जाती है, भारत में इसकी मांग लगभग सभी राज्यों में खासतर पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में है।
मुलेठी का पौधा (Mulethi ka paudha) आकार में छोटा होता है और ये झाडी जैसा ही होता है। मुलेठी में आयुर्वेद में इस्तेमाल करने योग्य भाग, तना, जड़, बीज तथा तने का पाउडर (Mulethi Powder) को दवा के में इस्तेमाल किया जाता है।
मुलेठी का उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों में मीठापन लाने के लिए बी किया जाता है। मुलेठी में एंटीसेप्टिक, मधुमेह विरोधी व एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो शरीर में विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद करता है, मुलेठी को संस्कृत में यष्टिमधु या मधुक कहते हैं।
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मुलेठी के फायदे (Mulethi Benefits In Hindi)
मुलेठी किन-किन चीजों में फायदा करता है, जान लेते हैं, फिर मैं आपको उन सभी बीमारियों में आप मुलेठी को कैसे इस्तेमाल करेंगे। इसके बारे में आपको बताऊंगा।
- त्वचा के लिए (मुलेठी फोर स्किन)
- बालों के लिए
- आँखों में लाभकारी
- स्वर के लिए उपयोगी
- शुक्र धातु
- थायराइड में
- गले के लिए उपयोगी
- इम्युनिटी बढ़ाने लिए
- कब्ज से राहत
- पेप्टिक अल्सर में
- दूध की कमी में उपयोगी
- कफ और खांसी से राहत
- पशुओ के रोग में
- हृदय रोग में
- कमजोरी में
- मूत्र रोग में
- पीलिया में
- ताकत बढ़ाने में
- घाव में
मुलेठी की लकड़ी के फायदे तो बहुत हैं, लेकिन मैं आज आपको इतने ही फायदों के बारे में बताऊंगा। क्योकि ये समस्या अक्सर लोगों को बहुत होती है।
मुलेठी में मौजूद खनिज |
|
ऊर्जा (Energy) | 312 Kcal |
प्रोटीन (Protein) | 7gm |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) | 65gm |
फैट (Fat) | N/A |
फाइबर आहार (Fiber) | 12gm |
एंटीबायोटिक (Antibiotic) | – |
एंटी ऑक्सिडेंट (Anti Oxidants) | – |
ग्लिसराइजिक एसिड (Glycyrrhizic Acid) | – |
कैल्शियम (Calcium) | – |
1. त्वचा के लिए (Mulethi For Skin)
मुलेठी उन लोगों भी फायदेमंद है, जिनके चेहरे पर दाने-दाने अक्सर हो जाते हैं, साथ ही त्वचा में जलन, या पिम्पल जैसी कोई भी समस्या हो तो मुलेठी बहुत ही लाभकारी होता है।
उपयोग करने की विधि – मुलेठी को पीस कर पाउडर बना लें और इसे नारियल तेल के साथ मिला कर त्वचा पर लगाएं, ऐसा करने से आपके त्वचा सम्बन्धी समस्या कुछ हफ्तों में ठीक हो जाएगी।
2. बालों के लिए
मुलेठी बालों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है, यदि आपके बाल पक रहे हो, या झड़ रहे हों तो भी मुलेठी के इस्तेमाल से आपको बालों की समस्या से निजात मिलेगा तथा बाल झड़ना और पकना रुक जायेगा।
3. आँखों में लाभकारी
अगर आपकी आखें लाल हो, पानी आता हो, जलन जैसी समस्या हो तो मुलैठी का पौधा आपके लिए बहुत फायदेमंद है।
उपयोग करने की विधि – इसके लिए आपको मुलेठी को चूर्ण बनाकर तथा उसमें सौफ मिला खाने से आँखों की रौशनी बढ़ती है, तथा, अगर आपकी आँख लाल हो गयी हो या कोई अन्य समस्या हो तो मुलेठी बहुत ज्यादा फायदेमंद है
4. स्वर के लिए उपयोगी
अगर आपको बोलने में तकलीफ हो रही है, या आपकी आवाज बैठ गयी है, तो आप मुलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके इस्तेमाल के कुछ घण्टों में आप अच्छे से बोल पाएंगे, साथ ही अगर आपकी आवाज बैठ गयी है तो वो भी ठीक हो जाएगी।
उपयोग करने की विधि – मुलेठी के जड़ या तने के छोटे हिस्से को मुँह में रख कर चूसे 20 से 30 मिनट तक ऐसा ही करें, उसके बाद आप उसे थूक कर हल्का गर्म पानी पिए, इससे आपको गले की समस्या से निजाद मिलेगा।
5. शुक्र धातु
मुलेठी को चूसने पर, यह वीर्य को शुद्ध करती है, तथा स्पर्म को भी बढ़ाता है। ऐसा आपको दिन में कम से कम 1 बार इसे चूसना होगा। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शुक्रधातु की रक्षा करनी चाहिए।
6. थायराइड में
थायराइड पुरुषों और महिलाओं दोनों को होने वाली एक बड़ी समस्या है, महिलाओं में थायराइड की वजह से कमजोरी, थकान, अनियमित मासिक धर्म, डिप्रेशन, सांस फूलना जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं।
उपयोग करने की विधि – मुलेठी का चूर्ण बनाकर आप इसे चाय में मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें, इससे थायराइड में आपको बहुत आराम मिलेगा
7. गले के लिए
अगर आपके गले में खराश है या बलगम आता है, और वो ठीक नहीं हो रहा तो आपको मुलेठी का उपयोग जरूर करना चाहिए। इससे आपको गले की खराश और बलगम में काफी ज्यादा आराम मिलेगा।
उपयोग करने की विधि – गले में खरास और बलगम को ठीक करने के लिए आपको आधा चमच्च मुलेठी और थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटना है, ये प्रक्रिया आपको दिन में कम से कम 3 बार करना है, ऐसा करने से अगर मुँह में छाले भी पड़ गए हैं, तो ये भी बहुत जल्दी ठीक हो जायेगा।
8. इम्युनिटी बढ़ाने लिए
इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए मुलेठी, बहुत असरदार है,अक्सर बच्चे, घरों के बाहर खेलते हुए, बीमार पड़ जाते हैं, यहां तक की बड़े बुजुर्ग बीमार हो जाये है, उन्हें बुखार, खांसी, जैसी समस्या बहुत जल्दी होती है। इन सभी समस्याओं 1 ही इलाज मुलेठी पॉउडर है।
उपयोग करने की विधि – मुलेठी का चूर्ण बनाकर आप इसे चाय में मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें, इससे थायराइड में आपको बहुत आराम मिलेगा
9. कब्ज से राहत
अगर आपके पेट में ऐठन है, दर्द व कब्ज की शिकायत है उनके लिये मुलेठी बहुत ही लाभकारी है।
इसके लिये बराबर मात्रा में मुलेठी व त्रिफला (हरण, बहेड़ा, आंवला) का पाउडर कर सुबह-शाम 1-1 चम्मच दूध या गरम पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट साफ होगा, कब्ज और पेट की ऐठन व दर्द में आराम मिलेगा।
10. पेप्टिक अल्सर में
अगर आपके पेट में पेप्टिक अल्सर की समस्या है, तो आपको मुलेठी का सेवन अवश्य करना चाहिए, इसके सेवन से आपको पेप्टिक अल्सर में बहुत जल्दी लाभ देखने को मिलेगा।
उपयोग करने की विधि – इसके लिये मुलेठी, तुलसी की पत्ती, अदरक व थोड़ी काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बनाकर सेवन करें। ऐसा 2 दिन तक जरूर करें आपको पेप्टिक अल्सर से आराम मिल जायेगा।
11. दूध की कमी में उपयोगी
जिन महिलाओं में बच्चे को जन्म देने के बाद दूध कम उतरता है, उनके लिए मुलेठी बहुत लाभकारी होता है।
उपयोग करने की विधि – इसके लिए शतावर और मुलेठी को पीसकर पॉउडर बना लें साथ ही दूध को गर्म करें और पिसे हुए पॉउडर को दूध में मिला लें। इसमें मिश्री भी मिलाएं ताकि ये आपको कड़वा न लगे। इसको आप दिन में 1 से 2 बार जरूर पीएं।
ऐसा 1 सप्ताह तक निरन्तर उपयोग से आपको फर्क दिखाई देने लगेगा।
12. कफ और खांसी से राहत (Mulethi For Cough)
खांसी व गले की परेशानियों के लिये मुलेठी का प्रयोग बहुत ही लाभकारी है। चाहे सुखी बलगम वाली खांसी हो मुलेठी दोनों के लिए समान असरदार औषधी है। खांसते समय अगर कफ गिरता है, तो इसके लिए भी मुलेठी का सेवन जरूर करें। हो सके तो आप मुलेठी के तने कोमुहँ में रख कर चूसें, इससे आपको लाभ मिलेगा। अगर आपको खांसी में खून भी बाहर आ रहा हो तो मुलेठी बहुत उपयोगी है, मुलेठी को उपयोग करने की विधि दोनों एक जैसी है।
उपयोग करने की विधि – इसके लिये मुलेठी, तुलसी की पत्ती, अदरक व थोड़ी काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे खांसी व गले से संबंधित अन्य परेशानियों में आराम मिलेगा।
खांसी में मुलेठी का उपयोग सबसे अच्छा उपचार है, इससे आपकी खांसी 2 दिन अंदर खत्म हो जाएगी। आप मुलेठी को चूस भी सकते हैं, या फिर चाय में मिला कर सेवन कर सकते हैं।
13. पशुओ के रोग में
जिन पशुओं को कम दूध उतरता है, पेट में संक्रमण व अल्सर (Ulcer) रहता है, उन्हें मुलेठी के पौधे का पत्ता खिलाएं। इससे उनको लाभ मिलेगा। कुछ पशु पत्तियां नहीं खाते तो उनके चारे में मुलेठी का पॉउडर मिला कर खिलाएं।
ऐसा आप 100 ग्राम पॉवडर को घास या चारा में मिला कर दें, इससे उनसे अच्छी मात्रा में दूध उतरेगा और पेट का संक्रमण भी खत्म हो जायेगा। साथ ही अगर कोई अन्य समस्या होगी तो वो भी खत्म हो जाएगी।
14. हृदय रोग में
हृदय रोग के लिये मुलेठी बहुत ही लाभकारी है। जिनको हृदय रोग है, घबराहट होती है व बेचैनी रहती है वे मुलेठी व अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर पियें। इससे हृदय रोग व इससे संबंधित अन्य परेशानियों में आराम मिलेगा। इसका सेवन आप 2 हफ्तों तक जरूर करें।
मुलेठी की चाय भी बना कर आप पी सकते हैं। इसके लिए आप चाय बनाते समय मुलेठी का पाउडर आधा चम्मच मिला और इसका सेवन दिन में 2 बार करें।
15. कमजोरी में
मुलेठी का पाउडर कमजोरी को दूर करने वाला माना गया है। इसके लिये मुलेठी, शतावर व मूसली को पाउडर कर प्रातः – सायं दूध के साथ सेवन करें। इससे शरीर की ताकत बढ़ेगी, पाचन तंत्र ठीक होगा और भूख भी बढ़ेगी।
16. मूत्र रोग में
जिनको पेशाब संबंधी परेशानी है, जलन व दाह है उनके लिये लिये मुलेठी का प्रयोग बहुत ही लाभकारी हैं। इसके लिये मुलेठी का पाउडर कर, एक-डेढ़ चम्मच पाउडर को रात को पानी में भिगो दें, सुबह उसे मसलकर छानकर पियें। इससे पेशाब खुलकर होगा, पेशाब की जलन दूर होगी और अल्सर व संक्रमण में भी आराम मिलेगा।
17. पीलिया में
जिनको पीलिया की शिकायत है व कमजोरी है वे पुर्ननवा मूल व मुलेठी का काढ़ा बनाकर पियें। मात्र मुलेठी का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। इससे पीलिया रोग में लाभ होगा और कमजोरी भी दूर होगी।
18. ताकत बढ़ाने में
ताकत को बढ़ाने के लिये मुलेठी बहुत ही लाभकारी है। इसके लिये मुलेठी, बिदारी कंद व गंभारी फल का पाउडर कर सेवन करें। इससे शरीरिक शक्ति बढ़ेगी और आप हृष्ट-पुष्ट होंगे।
19. घाव में
मुलेठी रक्त शोधक है। जिनको शरीर में कहीं कट गया है, घार व सूजन है वे मुलेठी की पत्तियों को उबालकर उससे घाव को धोयें। इससे घाव भर जायेगा और सूजन में भी आराम मिलेगा।
मुलेठी के फायदे और नुकसान
मुलेठी फायदों बारे में आपने विस्तार से जान लिया लेकिन औषधि ज्यादा मात्रा पर नुकशान कर सकती है, आयुर्वेदिक औषधि बहुत कम साइड इफ़ेक्ट बहुत कम या बिलकुल भी नहीं होते हैं।
नुकसान –
- मुलेठी का अधिक सेवन करने से
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- सूजन
- सांस लेने में समस्याएं
ज्यादा मुलेठी खाने से शरीर में पोटेशियम की कमी हो सकती है
साइड इफेक्ट (Mulethi Side Effects)
मुलेठी एक आयुर्वेदिक औषधि है, इस उपयोग से साइड इफेक्ट होने का खतरा बिलकुल भी नहीं है, लेकिन आपको मैं कुछ साइड इफेक्ट के बारे में बता रहा हूँ लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, की आपको मुलेठी खाने से ये हो।
- शरीर में खुजली
- त्वचा का लाल होना
- लाल दाने होना
- शरीर पर दानों वाली जगहों पर सूजन होना
- छींकों का आना, नाक बहना, जुकाम होना
- गले में तेज दर्द व जलन होना
- पेट दर्द होना
- चेहरा, होंठ, आँखों में सूजन
- खाने में तकलीफ होना
इनमें से कुछ लक्षण आपको अधिक मात्रा में मुलेठी इस्तेमाल करने पर हो सकता है।
एलर्जी होने से एग्जिमा नाम की बीमारी हो जाती है जिससे जोर से खारिश होना या उस जगह पर पानी का रिसाव होना होता है। एलर्जी के कारण कुछ लोगों में अस्थमा नामक बीमारी हो जाती है। इस स्थिति में रोगी को साँस लेने में समस्या हो जाती है और फेफड़ों में सूजन और जलन होने लगता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – मुलेठी का पौधा या पेड़ कैसा होता है?
उत्तर – मुलेठी का पौधा या पेड़ झाड़ीनुमा और आकार में छोटा होता है
प्रश्न – मुलेठी का पौधा कहां मिलता है?
उत्तर –
प्रश्न – मुलेठी का फल कैसा होता है?
उत्तर –
प्रश्न – मुलेठी का बीज कैसा होता है
उत्तर –
प्रश्न – मुलेठी गर्म होती है या ठंडी
उत्तर – ठंडी
उत्तर – इसकी तासीर ठंडी होती है,
प्रश्न – मुलेठी का काढ़ा कैसे बनाएं
उत्तर –
निष्कर्ष-
इस लेख के माध्यम से मैंने आपको मुलेठी किस रोग की दवा है इसके बारे में विस्तार से बताया है, साथ ही मुलेठी क्या है (What Is Mulethi), मुलेठी खाने के फायदे (Mulethi Benefits In Hindi), मुलेठी के साइड इफेक्ट (Mulethi Side Effects) इनको भी इसी लेख में बताया है।
आयुर्वेदिक दवायें अपना असर एक दिन बाद से ही नहीं दिखती, इसके लिए आपको कुछ हफ्ते या महीने का समय लग सकता है, इसका इस्तेमाल आप लगातार करें और इसे नियमित रूप से लें।