
एचआईवी एड्स : एड्स क्या है ? | एड्स के लक्षण | एड्स के कारण | एड्स कैसे फैलता है ? | एड्स का इलाज है या नहीं ? इन सभी प्रश्नों का उत्तर मैं आपको इस पोस्ट में दूँगा |
एड्स के बारे में जानने के लिए सबसे पहले इसके बारे में जान लेते हैं –
एड्स फुल फॉर्म : एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम है.
एड्स दिवस कब मनाया जाता है ? : 1 दिसम्बर को पूरी दुनिया विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाती है,
विश्व एड्स दिवस क्यों मनाया जाता है : इसे मनाने का उद्देश्य एक जुट होकर एड्स के खिलाफ लड़ना है.
एन डी टीवी (NDTV) के अनुसार 12 मिलियन लोग एचआईवी (HIV)के रोग का इलाज़ ढूंढ रहे हैं.हालाँकि एचआईवी को कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं है.
यूएन एड्स (UNAIDS) के मुताबिक 2019 में 1.7 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित हुए हैं और 6 लाख 90 हजार लोगों की मृत्यु एचआईवी के कारण हुई है. हालाँकि इसे कंट्रोल और फैलने से रोका जा सकता है.
इसे भी देखें : स्वास्थ्य क्या है ? स्वास्थ्य का अर्थ क्या है ?
एड्स किन कारणों से होता है ?
ये एक तरह का वायरस है जो आपके शरीर में 3 कारणों से हो सकता है.
असुरक्षित सेक्स से : अगर कोई व्यक्ति इन्फेक्टेड है एचआईवी से तो उससे असुरक्षित लैंगिक सम्बन्ध से किसी दूसरे व्यक्ति में इंफेक्शन फैल सकता है.
रक्त के द्वारा : किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा रक्त के आदान-प्रदान से भी एड्स फ़ैल सकता है, जो व्यक्ति इन्फेक्टेड नहीं रहेगा वो भी इससे इन्फेक्ट हो सकता है. ऐसा होने का चांस अब कम है क्योंकि रक्त देने से पहले उसकी जाँच की जाती है.
- (ध्यान रखने वाली बात ये है की अनलाइसेंस संस्थानों से दूर रहे)
इन्फेक्टेड माँ से बच्चे को : इन्फेक्टेड माँ जब गर्भवती है, इसी समय उससे बच्चे में ये वायरस फ़ैल सकता है.
एड्स का कारण क्या है :
ये तीन ही कारण हैं जिनसे एचआईवी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है. एड्स रोग किस विषाणु के द्वारा होता है ?
एड्स एक खतरनाक वायरस के कारण होता है, जिसका नाम मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस संक्रमण है, जिसे संक्षेप में एचआईवी (HIV) कहते हैं. ये एक खतरनाक बीमारी है.
इस वायरस के कारण मनुष्य का पूरा इम्यून सिस्टम ख़राब हो जाता है, जिसके कारण शरीर में बहुत सारे इंफेक्शन आ जाते हैं. और अंत में शरीर इतना कमजोर हो जाता है की, व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. इसीलिए एड्स इंफेक्शन को हम एक Fetal disease या deadly diseases भी कहते हैं.
एचआईवी एड्स के लक्षण :
बहुत से लोगों में एचआईवी के लक्षण नहीं दिखते हैं, ये 2 से 5 साल और कभी कभी तो 10 साल तक भी रह सकता है. इसके लक्षण, कुछ लोगों में बुखार आकर चले जाना हो सकता है ( या दवा लेने के बाद चले जाना ). अधिकांश लोगों लक्षण के बिना भी हो सकता है.
जब एचआईवी इम्युनिटी के कुछ सेल्स को खाने लगता है तब शरीर में CD 4 की काउंट कम होने लगती है. ये एक तरह का प्रोटीन होता है. जब CD 4 के नंबर, जो 500 से ऊपर होना चाहिए, ये 200 या 200 से काम हो जाएं तब HIV इंफेक्शन को एड्स कहा जाता है.
शरीर में कुछ नए इंफेक्शन देखने को मिल सकते हैं जैसे – टीवी, फंगस, या कैंसर.
जब भी किसी का वजन घटने लगता है, बहुत दिन तक बुखार रहता है, बिना किसी कारण खांसी या बलगम रहता है, ये टीबी के लक्षण हैं, लोगों को HIV टेस्ट करना जरूरी होता है.
एड्स बीमारी के लक्षण :
एड्स, ये बिना किसी लक्षण से रहता है, लेकिन एड्स बीमारी के सामान्य लक्षण ये हो सकते हैं –
- लगातार खांसी
- बार बार बुखार
- वजन कम होना
- कमजोरी और थका हुआ महसूस होना
जब ये एडवांस हो जाये और CD4 200 से कम हो जाये तब उसे AIDS कहते हैं.
एड्स की रोकथाम के उपाय
HIV इंफेक्शन का इलाज है, व दवाइयां भी उपलब्ध है. रोज एक गोली खानी होती है, पर ये दवाइयां जीवन भर चलती रहती हैं. इससे HIV कंट्रोल में रहेगा।
HIV को कंट्रोल किया जा सकता है, पर इसको ठीक नहीं किया जा सकता है ? जैसे – डायबटीज या हाइपर्टेंशन। इसे दवाइयों से कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन ठीक नहीं।
जब व्यक्ति इलाज पर चल रहा होता है तब वायरस की क्वांटिटी नपी जाती है. अगर CD 4 कंट्रोल में है तो दवाई जीवन भर चलेगी
एड्स का इलाज है या नहीं
पहले ऐसा होता था की किसी को एचआईवी (HIV) हो गया, उसे एड्स हो गया और वो इंसान नहीं बचता था लेकिन अब ऐसा नहीं है, HIV का इलाज उपलब्ध है, और इसकी दवाइयाँ जीवन भर चलेंगी।
बहुत से लोगों की जान दवाइयों के द्वारा बचाई गयी हैं, और बस उनको दवाइयों के प्रति लापरवाही नहीं करनी है. बिना इंफेक्शन के आप जितना जी सकते थे उतना ही आज जी पाएंगे, दवाइयों की वजह से.
HIV का टेस्ट कब करवाना चाहिए?
एड्स का पता कैसे चलता है : जब आपको एचआईवी के लक्षण शरीर में दिखने लगे और आपको महसूस हो जैसे बहुत दिनों तक बुखार, खांसी बलगम आदि तब आपको हॉस्पिटल जाके इसका जाँच कराना चाहिए।
असुरक्षित सेक्स के बाद आपको खुद को टेस्ट करवाना चाहिए ( जिनके साथ आपने सेक्स किया उसके हिस्ट्री History के बारे में नहीं जानते हैं तो ऐसे में आपको जाँच जरूर करानी चाहिए )
अगर आपने इन्फेक्टेड ब्लड लिया हुआ है तो भी टेस्ट कराना बेहद जरुरी है. ( अनलाइसेन्स जगह से रक्त लिया हुआ है तब )
बहुत ही ज्यादा वजन घटने की स्थिति में टेस्ट करना जरुरी है.
मैंने आपको जो 3 एचआईवी होने के कारण बताये हैं सिर्फ उन्ही कारणों से आपको HIV हो सकता है, दूसरा कोई और कारण नहीं हो सकता है.
- एड्स किसी को छूने से नहीं फैलता है
- HIV किसी के साथ बैठने और खाना खाने से नहीं फैलता है
एक ही बाथरूम या कपड़े उपयोग करने से से नहीं फैलता है मच्छर से काटने से नहीं फैलता हर इंसान जिसे HIV होता है, उसे एड्स (AIDS) नहीं होता है । अगर आप जल्द से जल्द शुरू कर दें तो लाइफ नॉर्मल हो जाएगी |
पुरुष में एचआईवी एड्स के लक्षण :
- शरीर में कमजोरी ( इम्युनिटी की कमी )
- संक्रमण के 1-2 सप्ताह बाद, निम्न श्रेणी के बुखार, सिरदर्द, अस्वस्थता
- कम श्रेणी बुखार
- सिरदर्द
- अस्वस्थता
- सूजन
- मुँह में अल्सर
- वजन घटना
- थकान
- कफ
महिलाओं में एचआईवी एड्स के लक्षण
- फ्लू
- त्वचा पर चकत्ते और त्वचा के घाव।
- त्वचा संबंधी समस्याएं
- सूजन ग्रंथियां।
- प्रतिरोधक क्षमता की कमी
एड्स से बचने के उपाय :
एचआईवी एड्स से बचने का सिर्फ 3 ही तरीका है –
- ऐसे किसी भी बाहरी महिला के साथ असुरक्षित सेक्स ना करें और करें भी तो निरोध का उपयोग करें।
- ऐसे किसी भी ब्लड डोनर से ब्लड ना ले जो पहले से ही एचआईवी से इन्फेक्टेड हो.
- किसी भी अनलाइसेन्स हॉस्पिटल में अपना ब्लड टेस्ट और रक्त लें
इसके अलावां कोई अन्य तरीका नहीं है जिससे आपको एड्स हो सके।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
एड्स के लक्षण कितने दिनों में दिखते है ?
उत्तर : आमतौर पर एड्स के लक्षण 1 से दो हफ्तों या यहाँ तक की ऐसे लक्षण दिखाई ही नहीं देते, कई समय में लोगों एड्स व्यक्ति को HIV भी नहीं होता है.
एड्स कैसे होता है या एड्स बीमारी कैसे होता है ?
उत्तर : असुरक्षित सेक्स, इन्फेक्टेड व्यक्ति का रक्त लेना ऐसे कारणों से ही एचआईवी हो सकता है.
एड्स क्यों होता है ?
उत्तर : यदि कोई सामान्य व्यक्ति एचआईवी (HIV) प्रभावित होता है तो यह उस व्यक्ति के शरीर में मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस प्रवेश करता है। इसी कारण एड्स होता है, इसका कारण असुरक्षित सेक्स करने से होता है, और इन्फेक्टेड व्यक्ति से रक्त लेना है
निष्कर्ष –
उम्मीद है की आपको एड्स के बारे में जानकारी मिल गयी होगी , एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका लोगों को जानना बहुत जरुरी है, तभी इसका इलाज सब तक पहुँच सकता है, इस जानकारी को देने का उद्देश्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करना है.